ताज महल की हिस्ट्री और प्रेम कहानी

भारत की शान और दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल एक इमारत ही नहीं बल्कि एक ऐसी अनन्त प्रेम कहानी का प्रतीक है। जिसने सदियों से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई हुई है। आगरा के स्थित यह सफेद संगमरमर का मकबरा दुनिया भर से करोड़ों पर्यटकों को अपनी और आकृषित करता है।
ताजमहल का इतिहास
ताजमहल का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी प्रिय बेगम मुमताज महल की याद में करवाया था। मुमताज महल का असली नाम अरजुमन्द बनो बेगम था। और 1631 में प्रसव के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। शाहजहां उनसे बेहद प्रेम करते थे। इसलिए उन्होंने उनके जाने के बाद एक ऐसी इमारत बनवाने का फैसला किया जिसे देख कर दुनिया प्रेम की गहराई महसूस कर सके।
ताजमहल की खूबसूरती
ताजमहल की खासियत इसकी बारीक नक्काशी और खूबसूरत गुंबद है। जिसे बनने में सालों की मेहनत लगी। इसकी मुख्य इमारत मस्जिद, गेस्ट हाउस, बाग-बगीचे और यमुना नदी इसे और भी खूबसूरत बनाते है।
ताजमहल के पीछे की प्रेम कहानी
शाहजहां और मुमताज एकदूसरे से बहुत ज्यादा प्रेम करते थे। मुमताज और शाहजहां अपने हर दुख-सुख ने साथ देते थे। मुमताज की मृत्यु के बाद शाहजहां इतने दुखी हो गए कि उन्होंने खुद को बिल्कुल दुनिया से अलग कर लिया था। कहा जाता है कि शाहजहां ताजमहल के सामने खुद के लिए एक काला ताजमहल बनवाना चाहते थे। लेकिन वह उनका सपना ही बन कर रह गया।
वास्तुकला की खूबसूरती
ताजमहल का डिजाइन फारसी,मुगल ओर भारतीय कला का मिश्रण है। मुख्य गुम्बद लगभग 73 मीटर ऊंचा है। ताजमहल सुबह, शाम और रात को अलग रंगों में दिखाई देता है। चांदनी रात में ताज महल और भी ज्यादा खूबसूरती दिखाता है।
दुनिया का अजूबा
ताजमहल की निर्माण कलां, नक्काशी और संगमरमर की चमक और इसके पीछे की प्रेम कहानी इसे सात अजूबों में शामिल करती है। और इसकी बनावट और इसकी खूबसूरती लोगों को इसकी और आकृषित करती है।
0 टिप्पणियाँ