राजस्थान में आज हम आपको एक ऐसे छोटे से गांव में ले जायेंगे। जहां ना भीड़ है। न बड़ी-बड़ी इमारतें। यहां के लोग केवल अपना परिश्रम करते है। और यहां के ज्यादातर लोग खेती पर निर्भर रहते है। हम बात कर रहे है अमरपुरा गांव की यह गांव कोटा के अंतर्गत आता है। इस छोटे से गांव में केवल 300 घर है। लेकिन इसकी सुंदरता बहुत बड़ी है। इस छोटे से गांव में ज्यादातर लोग खेती करते हुए नजर आयेंगे। मवेशी पलते हुए नजर आयेंगे। इन्हीं किसानों की वजह से आज हमे समय पर दूध, दही, तरह-तरह की मिठाइयां और भी बहुत कुछ मिलता है। हम शुक्र गुजार है ऐसे गांव का। लेकिन इसके साथ साथ इसकी सुंदरता काफी आकर्षित कर देती है लोगों को इसकी ओर यहां के लोगों की मोहब्बत वैसी है। जैसे कि आगरा का पेठा हो।
गांव की सुंदरता
अमरपुरा में ऐसा कोई ऐतिहासिक प्लेस या पर कोई मॉडर्न प्लेस तो नहीं है। लेकिन गांव के चारों तरफ खेत ओर खेतों के बीच में घिरा एक छोटा सा गांव जहां सुकून है। यहां भीड़ से दूर अकेलापन ओर खेतों की महक के साथ आपको एक सुकून महसूस होता है। ना कोई चिंता ना कोई फिक्र यहां लोगों में प्रेम इतना है। जैसे मानो कि आप एक घर में रह रहे हो। काफी ज्यादा मशहूर तो नहीं यह गांव पर हां अगर आपको सुकून की तलाश है। तो आप इस गांव की गलियों में से निकले और खेतों की हरी-भरी क्यारियों पर बैठ कर गर्म चाय पीए यह आपके जीवन का एक अलग एहसास होगा।
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